संजय जैन
जय जवान जय किसान
किसानों की रबी फसल धान की खरीदी समर्थन मूल्य पर राज्य सरकार खरीदे करे। खेती में मजदूरी लागत दवाई खाद एवं अन्य महंगाई बढ़ने के कारण किसानों को खेती करने के लिए सोचना पड़ता है किसान जैसे तैसे से भी खेती कर फसल पैदा तो कर लेता है लेकिन मंडी में या व्यापारी के द्वारा उचित कीमत नहीं मिलने से उनको निराश होना पड़ता है। फसल से जितना लाभ की उम्मीद होना चाहिए उतना नहीं मिल पाता। बरसात फसल की तुलना में रवि फसल की कीमत में काफी अंतर रहता है बरसात फसल में किसानों को प्रति क्विंटल 26 00 रुपए राज्य सरकार के न्याय योजना और केंद्र सरकार की समर्थन मूल्य राशि मिलाकर किसानों को कीमत दिया जाता है लेकिन गर्मी फसल में समर्थन मूल्य मैं खरीदी नहीं होने के कारण किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है ग्रीष्मकालीन फसल में किसानों को 1200रूपय से लेकर 1500रूपय की राशि प्रति क्विंटल घाटा उठाना पड़ रहा है जबकि गर्मी के धान फसल में काफी कीट व्याधि तना छेदक व लकवा ब्लास्ट और भूरा महू जैसी खतरनाक बीमारी से किसान बड़ा मुश्किल से फसल को बचा पा रहे हैं साथ ही साथ प्राकृतिक प्रकोप ओलावृष्टि हवा तूफान वर्षा से फसल को काफी क्षति भी हुआ है और रवि मे किसानों को फसल बीमा का लाभ भी नहीं मिल रहा है रवि फसल में बरसात की अपेक्षा ज्यादा मेहनत ज्यादा लागत भी आता है।सुसाइटियो द्वारा किसानों को रवि फसल में खेती के लिए कृषि ऋण भी दिया जाता है। उड़ीसा और महाराष्ट्र में किसानों की रवि फसल की धान को राज्य सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर खरीदी किया जाता है तो छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर राज्य सरकार खरीदी क्यों नहीं कर सकता । छत्तीसगढ़ में भी किसानों को उनका अधिकार देकर उनको उनके मेहनत का फल दिया जाना चाहिए । अन्य प्रदेश की तरह कृषि लागत, मजदूरी लागत व महंगाई को देखते हुए राज्य सरकार से आग्रह है की ग्रीष्मकालीन धान की फसल को भी समर्थन मूल्य पर राज्य सरकार द्वारा खरीदी की जावे।
किसान यूनियन जिला
अध्यक्ष धमतरी
घनाराम साहू