संजय जैन
धमतरी| आज हर गाँव में केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजना जिससे ग्रामीणों को भरपूर लाभ मिलता है काम मिलता है ऐसे महत्वपूर्ण योजना मनरेगा को सफल करने वाले मनरेगा कर्मीयों को पूरा काम करने के बाद भी 3 माह का वेतन भुगतान नही दिया गया है।जबकि केंद्र सरकार के द्वारा राज्य सरकार को आबंटन कर दी गई है।लेकिन छत्तीसगढ़ राज्य के असंवेदनशील मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को इन कर्मचारियों की थोड़ी भी चिंता नही है।श्रमिक बजट 2022-23 में 12 करोड़ मानवदिवस को मनरेकर्मीयों ने बहुत कम समय 06माह में ही 98% श्रमिक बजट 11.86 करोड़ पूरा कर लिया है।
जिसमें 2268.07 करोड़ मजदूरी में एवं 1087.91 करोड़ सामग्री में कुल 3276.95 करोड़ का व्यय ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृण करने में किया गया।
इसके तहत प्रशासनिक मद में व्यय हेतु 196.61 करोड़ उपलब्ध है।
इसमें से केवल 134.99 करोड़ ही मनरेकर्मीयों के वेतन एवं अन्य कार्यलयीन कार्य के तहत व्यय किया गया है।राशि 61.62 करोड़ 31 मार्च को लेप्स हो जायेगा, जबकि कर्मचारियों के वेतन भुगतान के बाद भी लगभग 45 करोड़ रुपये अन्य व्यय के लिये उपलब्ध है। इसके बाद भी कर्मचारियों का लंबित वेतन भुगतान नही करना सरकार की असंवेदनशीलता की पराकाष्ठा को स्पष्ट करती है।ये बात कही महासमुंद लोकसभा के सांसद श्री चुन्नीलाल साहू जी के धमतरी जिला प्रतिनिधि उमेश साहू ने जो लगातार पंचायत स्तर के हर कर्मचारियों के पक्ष मे समय समय पर आवाज उठाते रहते है।उन्होंने बताया कि वो प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री को मार्च के पहले अविलंब कर्मचारियों का भुगतान करने हेतु कार्यालय से पत्राचार भी किये है।