संजय जैन
त्रिदिवसीय संगीतमय मानस सम्मेलन खैर झिठी मधुबन धाम में श्रीमती लक्ष्मीकांता हेमंत साहू छाया विधायक कुरूद ने बतौर अतिथि उपस्थिति प्रदान करते अपने संबोधन में माता कैकेई के प्रसंग सुनाते हुए कहा नफरत और गुस्से की आग,इंसान के अंदर छुपी हुई अच्छाई को जला कर राख कर देती है।
मंथरा ने माता कैकेई के अंदर लालच रूपी नफरत की दीवार खड़ी की जिससे माता कैकेई गुस्सा व क्रोधाग्नि में जलकर अपने अच्छाई को राख कर गई। जिसका परिणाम
श्री रामचंद्र जी को वनवास जाना पड़ा । महाराज दशरथ व भरत को विलाप में जीवन जीने मजबूर हो पड़ा। पूरा अयोध्या नगरी ही वीराना हो गया।
आज हमारे परिवार में समाज में मंथरा के मन आचरण वाले लोगो का बोलबाला है। तुलसी दास जी द्वारा रचित
रामचरित्र मानस के येक येक पात्र हमे शिक्षा प्रदान करती है। अब आपको सोचना है की मंथरा जैसे कान भराई पात्र को जीना है या माता कौशिल्या की तरह बनना है। व मैं श्रोतागण ग्राम वासियों से निवेदन करना चाहूंगी कि
रामचरित्र मानस के आयोजन का भाव सिर्फ गीत संगीत हास्य मनोरंजन का नही होना चाहिए।
अपितु कथाकार, टिकाकर के येक येक शब्द को हमे सुनना चाहिए आत्मसात करना चाहिए । ताकि हम रामायण की गहराइयों को समझ सके। यही त्रिदिवसीय रामायण का सार है। इस आयोजन के लिए
सदस्य गण तोरण साहू, लक्ष्मण साहू, ईश्वर साहू व समस्त ग्राम वासियों को बधाई देती हु। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रोतागण उपस्थित रहे।