नये कप्तान के आते ही शहर में चली गोली, व्यापारियों में दहशत

धमतरिहा के गोठ
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संजय छाजेड़ 

धमतरी 14 मई। बीति रात राष्ट्रीय राजमार्ग रायपुर रोड स्थित बरडिय़ा ज्वेलर्स में बेैठे फर्म के संचालक एवं उनकी पुत्री पर दो अज्ञात नकाबपोश द्वारा फायरिंग की गई जिसकी आवाज सुनकर आसपास के लोग वहां जमा हो गये। सूचना मिलने पर शहर के व्यापारी बंधु, नागरिकगण भारी संख्या में वहां जमा हो गये और इस घटना पर अपनी नाराजगी जाहिर की। आक्रोशित व्यापारियों ने एक स्वर में कहा कि धमतरी के इतिहास में अब तक जो घटना नहीं घटी है, वह घटना अब व्यापारी के दुकान में हो रहा हेै। व्यापारी पूरी तरह अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। उनका यह भी कहना था कि धमतरी में अब तक चाकूबाजी की घटनाएं ही सुनने को मिल रही थी। लेकिन दुकान के भीतर घुसकर राष्ट्रीय राजमार्ग में बंदूक की नोक पर व्यापारी एवं उनकी पुत्री पर गोली चलाने का जो मामला प्रकाश में आया है, वह काफी विचारणीय है। इनका तर्क था कि पूर्व के पुलिस कप्तान का तबादला हो चुका है। उनके स्थान पर नये पुलिस अधीक्षक ने पदभार ग्रहण किया है जिनसे जिलेवासियों को ऐसी उम्मीद थी कि वे स्वयं सडक़ों पर उतरकर जिले की कानून व्यवस्था को पटरी पर लाने का प्रयास करेंगे। लेकिन अब तक ऐसा कुछ भी नजर नहीं आया है। अब देखना है कि इस घटना के बाद कप्तान की कार्यशैली कैसी रहती है एवं अपराध एवं अपराध जगत से जुड़े लोगों पर किस तरह की कार्यवाही की जायेगी। 
उल्लेखनीय रहे कि राष्ट्रीय राजमार्ग 30 पर बरडिय़ा ज्वेलर्स फर्म स्थित है। इस मार्ग से अद्र्धरात्रि तक आवागमन जारी रहता है। आरोपियों द्वारा इस व्यस्ततम मार्ग में जो घटना कारित की गई है, उससे सभी लोग नाराज हैं। व्यापारियों का कहना है कि कभी धरम की नगरी के रूप में प्रदेश ही नहीं पूरे देश में विख्यात सबसे शांतप्रिय माने जाने वाले धमतरी इन दिनों बढ़ते अपराध से इसकी पहचान अपराध नगर के रूप में होने लगी है जिससे यहां निवासरत लोगों में भारी आक्रोश के साथ डर भी देखा जा रहा है। पूर्व में भी कप्तान की ढीली पकड़ के कारण चाकूबाजी, सूखा नशाखोरी, सट्टा, जुआ, जैसे अपराध घटित हो रहे थे जिसे लेकर नागरिकों ने तत्कालीन पुलिस अधीक्षक से पुलिस व्यवस्था को चुस्त करने की मांग की थी। लेकिन उन्होंने इस पर ध्यान नहीं दिया। इसी बीच उनका तबादला हो गया। तबादला के बाद नये पुलिस अधीक्षक ने पदभार संभाला, उनसे जिलेवासियों को काफी आशाएं थी कि वे पदभार संभालने के बाद विभाग की बैठक लेकर संचालन प्रक्रिया में फेरबदल करते हुए नई प्रक्रिया अपनाई जायेगी परंतु आज भी पुराने तरीके से ही विभागीय कार्य हो रहे हैं। इसे लेकर नागरिकों में भारी नाराजगी देखी गई है। 
खबर तो यह भी है कि विभाग के जिम्मेदार अधिकारी के द्वारा सायबर सेल में नियुक्ति के लिये उनसे संपर्क करने और वहां पहुंचने की भी बात कही जा रही है जबकि सायबर सेल में पदस्थ रहे तत्कालीन अधिकारी एवं कर्मचारियों पर अलग अलग कार्यवाही की गई है और सायबर सेल प्रभारी के स्थान पर एएसआई की नियुक्ति भी चर्चा का विषय बनी हुई है। जिले में पुलिस सक्रियता को लेकर जो चर्चाएं हो रही हैं, उसमें पुलिस विभाग की खामियों को भी गिनाया जा रहा है जो पुलिस अधीक्षक के लिये किसी चुनौति से कम नहीं हेै। शायद उन्हें यह मालूम भी नहीं है कि कोतवाली के समीप स्थित डाकघर से सेंधमारों ने रकम की चोरी की थी। हालांकि ये लोग बाद में पकड़े गये। लेकिन आरोपियों के हौसले इतने बढ़ गये हैं कि वे पुलिस विभाग को कुछ समझते ही नहीं। इसी वजह से अपराध पर अपराध होते जा रहे हैं। 


 

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