कलेक्टर से बिना अनुमोदन खाद्य अधिकारी ने मिलर्स को दिया मोटा पतला धान

धमतरिहा के गोठ
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 संजय छाजेड़ 

धमतरी 21  दिसंबर। शासन की स्थानांतरण नीति को लेकर समय समय पर जिन अधिकारी, कर्मचारियों का तबादला होता है, वे ना-नुकुर कर अपने नये स्थान पर पदभार ग्रहण कर ही लेते हैं। लेकिन शासन की एक स्थानांतरण नीति धमतरी के कुछ अधिकारी, कर्मचारियों पर लागू नहीं होती। अनेक ऐसे विभाग हैं जहां अंगद के पांव की तरह अधिकारी जमे हुए हैं जिसका एक उदाहरण बसंत कोर्राम खाद्य अधिकारी से दिया जा सकता है। इनका कार्यकाल इसी से पता लगाया जा सकता है कि ये यहां खाद्य निरीक्षक के रूप में वर्षों पूर्व यहां आये थे और आज यहां ये खाद्य अधिकारी बनकर शासन की सेवा में कार्यरत हैं। लेकिन इनके द्वारा वर्ष 2019 में कलेक्टर की बिना अनुमोदन लिये 1.3.2019 को मोटा-पतला धान की हेराफेरी की गई है जिसे लेकर प्रबंध संचालक छग राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित मुख्यालय अटल नगर को शिकायत भी भेजी गई है। लेकिन शासन प्रशासन इन पर पूरी तरह मेहरबान है, इसीलिये इनका तबादला यहां से नहीं किया जा रहा है। 

शिकायतकर्ता ने प्रबंध संचालक को की गई शिकायत में उक्त खाद्य अधिकारी द्वारा 1.3.2019 और 6.3.2019 को मोटा धान एवं 15-80 अनुपात का पतला धान तथा 4.1.2019 को मोटा धान 10 क्विंटल, पतला धान 70 क्विंटल, 11.1.2019 को 50 क्विंटल पतला धान तथा 20 एवं 40 क्विंटल सरोना धान कलेक्टर से बिना अनुमोदन लिये जारी कर दिया गया है। ये धान उन राईस मिलर्स को दी गई है जो इनकी मेहरबानी से आज संचालित हो रही है जहां की सारी त्रुटियों को ये नजरअंदाज करते गये हैं। राज्य स्तर के एनआईसी से सेटिंग कर इस अनुपात का परिवर्तन कर लिया गया। एनआईसी के कम्प्यूटर सिस्टम के एक आईपी नंबर से इसका सत्यापन किया जा सकता है। कस्टम मिलिंग नीति की कंडिका 6.13 के अनुसार सरोना धान मात्र अरवा राईस मिल हेतु प्रदान किया जाये एवं सरोना धान उसना मिल हेतु प्रदान नहीं किया जाये, उल्लेखित किया गया है परंतु विशेष परिस्थिति में कलेक्टर की अनुमोदन के पश्चात प्रबंध संचालक मार्कफेड द्वारा स्वीकृत किये जाने पर ही ऐसी व्यवस्था की जाती है। इस परिप्रेक्ष्य में कलेक्टर खाद्य शाखा जिला धमतरी के द्वारा ज्ञाप क्रमांक 4183/खाद्य/2020 जनवरी 2020 को प्रबंध संचालक छग राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित को प्रेषित किया गया है। 

कलेक्टर द्वारा प्रबंध संचालक को उक्त पत्र प्रेषित कर पंजीकृत राईस मिल फर्म को अरवा कस्टम मिलिंग जारी होने की विस्तृत जांच सूचना प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ से कराने संबंधित को निर्देशित करने कहा गया था जिसकी प्रतिलिपि सचिव खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग रायपुर, संचालक खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संचालनाल रायपुर तथा टेक्निकल डायरेक्टर एनआईसी अटल नगर नवा रायपुर को भेजी गई है। यह जांच में निर्णय क्या हुआ, हालांकि इसकी जानकारी नहीं हुई परंतु खाद्य अधिकारी द्वारा लंबे समय से यहां पदस्थ रहकर ऐसे नियम विरूद्ध कार्य किये जा रहे हैं। सरकार चाहे किसी की भी हो, ये अपने सेटिंग से गोटी बिठाने में महारथ हासिल करते हेंै। इसी वजह से इनका स्थानांतरण नहीं हो पा रहा है। इसी तरह अनेक ऐसे अधिकारी, कर्मचारी विभिन्न विभागों में कार्य कर रहे हैं और शासन के निर्देशों का खुल्लमखुल्ला उल्लंघन कर रहे हैं। ऐसे लोग कार्यालय में बहुत कम नजर आते हैं। इनके शाही ठाटबाट की मिसालें आज शहर में चर्चित हैं। खाद्य अधिकारी के द्वारा 2019 में किये गये मोटा-पतला, सरोना धान के जारी अनुपात में जो हेरफेर किया गया है, उसका अनुमोदन तत्कालीन कलेक्टर से नहीं लिया गया है जिसकी आज कुछ जागरूक लोगों ने जांच की मांग की है।

इस मामले को लेकर खाद्य अधिकारी बसंत कोर्राम से दूरभाष पर संपर्क कर उनका पक्ष लिये जाने का प्रयास किया गया परंतु उनसे संपर्क नहीं हो पाया।

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