संजय
छाजेड।
धमतरी। जिला मुख्यालय धमतरी से करीब 7 किलोमीटर की दूरी पर बसा है धमतरी विकासखण्ड का ग्राम पंचायत परसतराई। यहां के लगभग 250 किसानों ने अपने 450 एकड़ खेत में रबी सीजन में एकसाथ दलहन-तिलहन की फसल चना, सरसों, गेहूं, मटर, मसूर, उड़द, मूंग लगाने का निर्णय लिया है। ग्राम पंचायत परसतराई के सरपंच परमानंद आडिल बताते हैं कि जिले में भूजल स्तर तेजी से नीचे जा रहा है, जिसके चलते कई गांवों और शहरों के वार्डों में पेयजल की समस्या भी आ रही है और लोग पानी खरीदने पर मजबूर हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि कलेक्टर सुश्री नम्रता गांधी और जिला प्रशासन द्वारा पानी की समस्या से निजात दिलाने के लिए गांवों में जल जगार उत्सव मनाया जा रहा है। इस दौरान ग्रामीणों द्वारा भी जल संरक्षित करने की दिशा में स्वप्रेरणा से कार्य किया जा रहा और शपथ ली जा रही है।
इन्हीं सब बातों और कार्यक्रमों से प्रेरित होकर ग्राम पंचायत परसतराई के किसानों ने ग्राम पंचायत और ग्राम विकास समिति की बैठक में एकमत होकर रबी में दलहन-तिलहन की फसल लेने का फैसला किया। उन्होंने यह भी फैसला लिया कि गांव में यदि कोई किसान धान की फसल लेता है, तो उसे 27 हजार रूपये प्रति एकड़ दण्ड का प्रावधान होगा। सरपंच ने बताया कि धान की फसल में पानी की मात्रा अधिक लगती है, जबकि दलहन-तिलहन की फसल में नही ंके बराबर पानी लगता है। इसके साथ ही दलहन-तिलहन में धान की फसल की अपेक्षा कम मेहनत लगता है और लाभ भी अधिक होता है। यही वजह है कि जिले में जहां पानी का स्तर नीचे गिरते जा रहा है, वहीं परसतराई में 70 से 80 फीट में अभी भी पानी मुहैय्या हो रहा है। इसके साथ ही यहां के ग्रामीणों ने वृक्षारोपण करने की ओर अग्रसर हो रहे हैं। सीईओ जिला पंचायत सुश्री रोमा श्रीवास्तव ने बताया कि परसतराई के किसानों का दलहन-तिलहन की फसल लेने का फैसला सराहनीय है। उन्होंने बताया कि किसानों के इस फैसले से जहां पानी की बचत होगी, वहीं फसल चक्र परिवर्तन से जमीन की उर्वरता भी बनी रहेगी।