धमतरी । जिले में रेत, मुरूम, गौण खनिज उत्खनन करने वालों के हौसले इतने बुलंद हैं कि प्रशासन के नाक के नीचे जहां चाहे वहां इसका उत्खनन कर शासन को प्रतिमाह लाखों रूपये की हानि पहुंचा रहे हैं। महानदी एवं सहायक नदियों से रेत अत्यधिक उत्खनन से अब तो नदियों की भी सांसें फूलने लगी हैं। बारंबार देखने से ऐसा महसूस होता है जैसे महानदी नहीं बल्कि रेत के स्थान पर मिट्टी का ढेर बना हुआ है। हद तो यह है कि ऐसे गौण खनिज माफिया द्वारा जिले के अनेक क्षेत्रों से निर्बाध रूप से इसका उत्खनन कर परिवहन किया जा रहा है। इस कार्य में रेत, मुरूम की अवैध निकासी करने वाले लोगों के हौसले इतने बुलंद हैं कि वे अब सरकार संपत्ति को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं जिसका प्रत्यक्ष प्रमाण कुरूद विकासखंड अंतर्गत आने वाले ग्राम कोड़ेबोड़, गातापार, आलेखुंटा, कल्ले, सोनपुर, मरौद तथा अछोटी के 1054.25 हेक्टेयर क्षेत्र महानदी मुख्य नहर से लगे होने के बावजूद असिचिंत है जिसे सिंचित करने के उद्देश्य से मुख्य नहर के आर.डी. 36.62 किमी पर एक सूक्ष्म सिंचाई योजना छग शासन जल संसाधन विभाग रायपुर द्वारा स्वीकृत की गई है। उक्त योजना के तहत किसानों के खेतों में लगे ह्यूम पाईप को उसके ऊपर स्थित मिट्टी को खुदाई कर उसे क्षतिग्रस्त कर दिया गया है।
महानदी एवं सहायक नदियों से अबाध रूप से रेत की चोरी धड़ल्ले से की जा रही है। यदाकदा खनिज विभाग धमतरी द्वारा औचक्क निरीक्षण के दरम्यान ऐसे मिलने वाली हाईवा, ट्रेक्टर, चैन माउंटेन, जेसीबी को जप्ती कर सारी खानापूर्ति कर दी जाती है। तुर्रा यह कि खनिज परिवहन करने वाले ट्रकों एवं इनके चालकों पर ही कार्यवाही समिति कर दी जाती है जबकि दूसरे जिलों में रेत उत्खनन, परिवहन में लगे अवैध निकासी करने वालों पर एफआईआर तक दर्ज किया गया है जिससे वहां के क्षेत्र में ऐसे परिवहन पर अंकुश लगाया जा चुका है। धमतरी जिले में वनाच्छादित क्षेत्र होने के कारण भरपूर मात्रा में रेत, मुरूम, गिट्टी का भंडार है जिसे गौण खनिज माफियाओं द्वारा उसका बिना अनुमति के दोहन किया जा रहा है। जिले के अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। न तो ये बेरियर लगाते और न ही चोरी रोकते जिससे इनके कार्यशैली पर सवालिया निशान लगता है। इनके द्वारा ऐसी कोई भी एफआईआर अब तक दर्ज नहीं कराई गई है। महानदी एवं सहायक नदियों तथा वनाच्छादित क्षेत्रों से दु्रतगति से भारी मात्रा में गौण खनिज का उत्खनन कर दिये जाने से अब इस क्षेत्र की गौध खनिज संपदा समाप्ति की कगार पर है जिसे देखते हुए अब ऐसे अवैध कार्यों में संलिप्त रेत माफिया दूसरे क्षेत्रों में जाकर खनिज का उत्खनन बेधडक़ होकर कर रहे हैं जिसका जीता-जागता प्रमाण उपरोक्त ग्रामों से दिया जा सकता है।
मिली जानकारी के अनुसार पता चला है कि जिले में चलने वाली राष्ट्रीय एवं प्रादेशिक स्तर की सडक़ योजना कार्य के लिये बाहरी व्यक्तियों द्वारा बिना अनुमति के मुरूम, रेत का उत्खनन किया जा रहा है। इस कार्य में सरकारी निर्माण कार्य को भी इनके द्वारा क्षति पहुंचाई जा रही है। कोड़ेबोड़ सूक्ष्म सिंचाई(भाठागांव) ब्लॉक कुरूद कमांड क्षेत्र में किसानों के खेतों की मिट्टी की खुदाई करते हुए सडक़ परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अधीन सडक़ निर्माण करने वाले एक ठेकेदार ने शासकीय संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचाया है। बताया जाता है कि उक्त ठेकेदार बिना किसी अनुमति के उपरोक्त खेतों से मिट्टी निकालते भारी भरकम हाईवा का इस्तेमाल किया जिसके कारण जल संसाधन विभाग द्वारा बिछाये गये ह्यूम पाईप पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। खबर है कि इस मामले को लेकर जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता ने 11.1.2024 को पत्र क्रमांक 114 के जरिये परियोजना निदेशक(एनएचएआई) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण(सडक़ परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार) को पत्र प्रेषित कर बताया है कि कुरूद विखं अंतर्गत उपरोक्त सात ग्रामों को सिंचित करने के उद्देश्य से महानदी मुख्य नहर के उपरोक्त आर.डी.एक सूक्ष्म सिंचाई योजना छग शासन जल संसाधन विभाग रायपुर द्वारा स्वीकृत की गई है, इस हेतु उपरोक्त पाईपों को लगाकर असिंचित क्षेत्र में सिंचाई की व्यवस्था बनाया गया था। इस पत्र के पश्चात अनुविभागीय अधिकारी मजप डिस्नेट ने उक्त कंपनी को पत्र प्रेषित किया।
जल संसाधन विभाग के अनुविभागीय अधिकारी ने भी पंाचवें महीने में एक पत्र प्रेषित कर उपरोक्त कंपनी को बताया कि कोड़ेबोड़ सूक्ष्म सिंचाई योजना के तहत ग्राम मरौद चक क्रमांक 75 के खसरा नंबर 563/1, 563/2, 563/3, 557,
554, 555, 564, 565 में भूमिगत पाईप लाईन बिछाने का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। उक्त खसरा नंबर में भारतमाला परियोजना के ठेकेदार द्वारा मिट्टी खोदकर रोड निर्माण हेतु ले जाया जा रहा है जिससे उक्त स्थल में बिछाये गये पाईप लाईन को तोडक़र क्षतिग्रस्त कर दिया है जिससे आगे के चक में पानी पहुंचाना संभव नहीं होगा। उक्त पत्र की प्रतिलिपि कलेक्टर, जिला खनिज अधिकारी, कार्यपालन अभियंता मजप बांध संभाग क्रमांक 2, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कुरूद, और थाना प्रभारी कुरुद जिला धमतरी को भेजी गई है और इस कार्य पर तत्काल रोक लगाने की मांग की गई है। लेकिन इन पंक्तियों के लिखे जाने तक किसी भी प्रकार की कार्यवाही ठेकेदार पर नहीं की गई है जिससे किसानों में असंतोष देखा जा रहा है। कुछ किसानों ने इस प्रतिनिधि को बताया कि हमारा विश्वास था कि छग शासन का जल संसाधन विभाग के द्वारा निर्मित सूक्ष्म सिंचाई योजना का लाभ इस वर्ष खेती किसानी में प्राप्त होगा। लेकिन यह अभिलाषा उनकी टूटती सी नजर आ रही है जिसका मुख्य कारण उपरोक्त कंपनी का ठेकेदार को बताया गया है। गौण खनिज उत्खनन करने वालों के हौसले अब इतने बुलंद हैं कि वे बिना पिटपास, बिना ठेका, बिना अनुमति के रेत, मुरूम, गिट्टी का अवैध उत्खनन कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर अब शासकीय संपत्ति को भी क्षति पहुंचा रहे हैं और शासन के द्वारा निर्माणाधीन लाखों रूपये की लागत से लगाये गये पाईप लाईन को भी क्षति पहुंचा रहे हैं जिसके लिये उचित कार्यवाही की मांग की है।
इस पर सहायक खनिज अधिकारी योगेंद्र सिंह का कहना है कि " आपके द्वारा कुरूद विखं के मरौद में हो रहे उत्खनन से किसानों को सूक्ष्म सिंचाई योजना के लिये बिछाई गई पाईप लाईन को नुकसान पहुंचाने की जानकारी दी गई है। इस संबंध में मैं जानकारी लेता हूं और गलत पाये जाने पर कार्यवाही भी की जायेगी।" वहीँ सहा.अभियंता एस.सी राजहंस का कहना है कि "कुरूद क्षेत्र के किसानों को लाभ देने के लिये शासन द्वारा सूक्ष्म सिंचाई योजना के तहत लाखों रूपये की राशि खर्च कर पाईप लाईन बिछाया गया था। लेकिन लगातार क्षेत्र में हो रहे उत्खनन के चलते पाईप लाईन को पूरी तरह नुकसान पहुंचा दिया गया है जिससे किसानों को मिलने वाला लाभ नहीं मिल पायेगा, वहीं शासन को भी लाखों का नुकसान पहुंचाया गया है जिसका पत्र हमने अभी संबंधित विभाग को भेजकर इस पर उचित कार्यवाही की मांग की गई है।"