केन्द्र में बैठी हुई भाजपा की मोदी सरकार द्वारा महिला आरक्षण विधेयक लोकसभा में पारित कराया गया जिसका कांग्रेस पार्टी ने भी समर्थन किया है परंतु इस विधेयक में महिलाओं को आरक्षण देने की बजाए चुनावी लाभ लेने की नीयत परिलक्षित हो रही है क्योंकि यह आरक्षण विधेयक बिना किसी नियम या क़ानून बनाए लोक सभा का विशेष सत्र बुलाकर जो कि इससे पूर्व में संपादित सत्र में किया जा सकता था लेकिन भाजपा एवं नरेन्द्र मोदी जनता की किसी भी विधेयक के लिए उसे संवैधानिक इस स्थिति में न रखकर उसे इवेंट का स्वरूप बनाने की जो परंपरा स्थापित की गई है उसी के पालन स्वरूप इसे एक इवेंट का रूप दिया गया जैसा सबको मालूम है कि 2024 में लोक सभा का चुनाव होना है और वर्तमान स्थिति परिस्थिति के अनुरूप पूरे देश में भाजपा एवं नरेन्द्र मोदी विरोधी माहौल बन रहा है इसे साधने के लिए महिला आरक्षण का तीर चलाया गया है अगर भाजपा की नीयत साफ़ होती तो 2014 से पूर्ण बहुमत की सरकार दोनों सदनों में है इसे उस समय पारित कराया जा सकता था लेकिन उनकी नियत में खोट स्पष्ट दिखाई देती है कि बिना जातिगत जनगणना और परिसीमन के बिल को लाया गया है और बिल में सबसे बड़ी ख़ामी यह है कि इस देश में निवास रत 40-50 प्रतिशत पिछड़े एवं अति पिछड़े समाज के बारे में इस आरक्षण व्यवस्था में कोई उल्लेख नहीं है विधेयक में SC व ST वर्ग के लिए चिन्हांकन ज़रूर किया गया है लेकिन वह अभी वर्तमान स्वरूप में बिना आरक्षण के ही वह पद है जोकि इस आरक्षण व्यवस्था के बाद और कम हो जाएगी जिसके फलस्वरूप SC व STवर्ग को भी इससे कोई अधिक लाभ नहीं होने वाला कुल मिलाकर यह आरक्षण विधेयक एक चुनावी जुमला है जो 2024 के चुनाव में उल्टा भाजपा के गले की हड्डी बनने जा रहा है आज भारत देश में ग़रीबी बेरोज़गारी महँगाई अपनी चरम ऊँचाई पर परिलक्षित हो रही है इसके संबंध में संसद भवन में कोई चर्चा नहीं की जाती जो भाजपा सरकार महिला अधिकारों की बात करती है वो भाजपा सरकार का चाल चरित्र और चेहरा महिला विरोधी है जिसका वर्तमान में उदाहरण सभी देशवासियों को देखने को मिला जब भारत के लिए मेहनत करके मेडल लाने वाली बहन व बेटियों को सड़क पर घसीटा गया उनके साथ अन्याय किया गया ताज़ा उदाहरण मणिपुर राज्य है जहाँ बहन बेटियों के साथ अन्याय व व्याभिचार किया गया जहाँ डबल इंजन की सरकार है उसके बावजूद प्रधानमंत्री व भारतीय जनता पार्टी के नेताओं द्वारा एक शब्द भी नहीं बोला गया इससे सरकार की कथनी और करनी में अंतर स्पष्ट रूप से दिखाई पड़ता है बहन व बेटियों के साथ अत्याचार करने वाले उनके सांसद आज बड़े ही शान के साथ महिला आरक्षण विधेयक में समर्थन करते हुए व ताली बजाते हुए संसद भवन में बैठते हैं जो कि बहुत ही शर्मनाक स्थिति है भाजपा को इस स्थिति के लिए आत्मचिंतन करने की ज़रूरत है कि क्या वो वाक़ई में महिलाओं को सम्मान देना चाहती है या महिलाओं के अपमान करने वालों को गले लगाकर उनका वंदन अभिनंदन करती है आज हमारा लोकतंत्र बाबा साहब अंबेडकर के बनाए हुए संविधान से भटक कर एक तानाशाही व्यक्ति के हाथों की कठपुतली बनते हुए दिखाई देता है वो कभी राष्ट्रवाद के नाम पर कभी हिंदुत्व के नाम पर भारतीय जनता पार्टी ने जनता का ध्यान मूल समस्याओं से हटाकर देश को एक समाज को दूसरे समाज से लड़ाकर एक धर्म को दूसरे धर्म से लड़ाकर भाई भतीजावाद का जो वातावरण देश में उत्पन्न कर दिया है आगे चलकर ये माहौल राष्ट्र के हित में न होकर अहितकारी होगा ये स्पष्ट रूप से दिखाई देता है भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी ने सदैव महिला आरक्षण बिल का समर्थन किया है और अपने कार्यकाल में राज्य सभा में पारित भी कराया था लेकिन उस समय विपक्ष में बैठी हुई यही भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों द्वारा इसका विरोध किया गया था जिसकी वजह से यह व्यवस्था लागू नहीं हो पाई आज वहीं भारतीय जनता पार्टी अपने चुनावी लाभ के लिए इसे एक हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रही है लेकिन जनता जानती है वह उनके मुग़ालते में आने वाली नहीं है आने वाले समय में यही महिलाएँ भारतीय जनता पार्टी को सबक़ सिखाकर सत्ता से बेदख़ल करने में अपनी भूमिका ज़रूर दिखायेंगी ।
महिला आरक्षण बिल नारी वंदन न होकर नारी क्रंदन के स्वरूप में प्रस्तुत किया गया बिल है - कविता योगेश बाबर
सितंबर 20, 2023
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संजय छाजेड
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