वन, जल संसाधन विभाग की आपसी खींचतान के चलते पूरे क्षेत्र में हो रहा अतिक्रमण

धमतरिहा के गोठ
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संजय जैन 

धमतरी।रविशंकर सागर परियोजना गंगरेल में इन दिनों अतिक्रमणकारियों के हौसले बुलंद हैं जिसके चलते यहां ऐसे लोगों की बाढ़ सी आ गई है। पिछले दिनों कंट्रोल रूम के पास एक व्यक्ति द्वारा आलीशान होटल बनाया जा रहा है जिसे लेकर शिकायतकर्ताओं ने वन मंडल अधिकारी एवं जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को इसकी जानकारी देकर संबंधित व्यक्ति पर उचित कार्यवाही करने की मांग की थी। लेकिन अधिकारियों ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया जिसके कारण यहां निर्माणाधीन कॉटेज होटल के रूप में तैयार हो रहा है। और तो और जल संसाधन विभाग के अधिकारी द्वारा निर्माण कार्य रोकने की चेतावनी देने के बाद भी संबंधित व्यक्ति उनके आदेश का पालन नहीं कर रहा है। वर्तमान में यहां निर्माण कार्य जारी है। 

मिली जानकारी के अनुसार पता चला है कि गंगरेल क्षेत्र में बाहरी व्यक्तियों द्वारा धड़ल्ले से अतिक्रमण कर उसमें होटल, मकान, दुकान इत्यादि का निर्माण किया जा रहा है जिसे लेकर स्थानीय निवासियों में चिंता की लकीर देखी जा रही है। इनका तर्क है कि अनेकों साल से हम यहां काबिज हैं, लेकिन हमने पक्का मकान, दुकान या अतिक्रमण नहीं किया है। लेकिन कुछ लोगों द्वारा यहां आकर पिछले महीने से होटल, कॉटेज, इत्यादि का निर्माण बिना अनुमति के धड़ल्ले से करवाया जा रहा है। इसकी जानकारी जब वन मंडल अधिकारी को दी गई तो उन्होंने अपनी भूमि होना तो बताया जरूर, लेकिन कब्जेदार के रूप में जल संसाधन विभाग के काबिज होने की बात कही। उन्होंने यह भी कहा कि उनके कब्जे वाले क्षेत्र में अतिक्रमण यदि हो रहा है तो वे कार्यवाही करें, अन्यथा वे उक्त भूभाग को वन मंडल के सुपुर्द कर दें किंतु जल संसाधन विभाग के दोनों अधिकारियों ने चुप्पी साध ली। फलस्वरूप दो विभाग की लड़ाई में अतिक्रमणकारियों के हौसले बुलंद हैं। मेन रोड में हो रहे कॉर्टेजनुमा होटल की चर्चा चहुंओर चर्चित है। 

जल संसाधन विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के चलते कॉटेजनुमा होटल बनाये जाने पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। इसमें विभाग के कुछ कर्मचारियों का अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग मिल रहा है। कॉटेज, होटल निर्माण करने वाले का कहना है कि मुझे मेरे निर्माण के संबंध में अधिकारी ने अपने कार्यालय बुलाया था और निर्माण नहीं करने की चेतावनी दी थी किंतु यह चेतावनी मिलीभगत होने के कारण कोई असर नहीं की और वर्तमान में भी उसके द्वारा निर्माण कार्य बदस्तूर जारी है। वन विभाग एवं जल संसाधन विभाग के बीच की लड़ाई का लाभ कॉटेजनुमा होटल बनाने वाले जैसे लोग ले रहे हैं। यहां यह बताना जरूरी है कि जल संसाधन विभाग के द्वारा उक्त स्थल पर कंटीला तार लगाकर वहां किये गये वृक्षारोपण कार्य को सुरक्षित किया गया था। लेकिन इस अतिक्रमणकारी द्वारा उक्त कंटीले तार को हटाकर स्थल पर हरा नेट ढंककर उक्त स्थल को छुपाया गया। साथ ही उक्त शासकीय कंटीले तार को भी गायब कर दिया है जिसे लेकर भी जल संसाधन विभाग के अधिकारी खामोशी अख्तियार किये हुए हैं। अब देखना यह है कि ऐसे अतिक्रमणकारी व्यक्ति पर ठोस कार्यवाही अर्थात बुलडोजर चलवाता है या नहीं। कुछ लोग इस मामले को लेकर कलेक्टर से भी शिकायत करने वाले हैं।

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