संजय जैन
जिले में रेत का अवैध उत्खनन निरंतर जारी है. प्रशासन का रेत खदानों को बंद करना मात्र दिखावा साबित हो रहा है खुलेआम नियमो की धज्जियाँ उड़ाई जा रही है उक्त बातें भाजपा प्रदेश मंत्री रामू रोहरा ने कही.श्री रोहरा ने आगे कहा कि जिले में रेत का खेल बदस्तूर जारी है.नियमतः 15 जून से 15 अक्टूबर तक वर्षा काल के दौरान रेत खदानों में खनन पूर्णतः प्रतिबंधित रहता है लेकिन यह सिर्फ कागजो तक सीमित रह गया है. बंद के बाद भी जमकर महानदी का सीना रेत माफिया चीर रहे हैं.बता दे कि नियमानुसार खदान बंद रहने के दौरान रेत की आपूर्ति हेतु रेत का भंडारण कराया जाता है लेकिन जिस अनुपात में वर्तमान में रेत का परिवहन हो रहा है उस अनुपात में रेत का भण्डार कम नहीं हो रहा है.इससे स्पष्ट है कि रेत, खदानों से अवैध तरीके से निकाला जा रहा है.रेत का यह अवैध खेल बिना शासन प्रशासन और अधिकारियो के सहमति से संभव नहीं है.रेत माफियाओ के हौसले इतने बुलंद है कि अवैध कार्य को खुलेआम अंजाम दे रहे है.जनता के आँखों के सामने नियमो को रोजाना तोडा जा रहा है.आये दिन सोशल मीडिया में अवैध उत्खनन परिवहन का वीडिओ फोटो वायरल होते रहता है जनता द्वारा फोन पर भी कई बार शिकायत दर्ज कराया जाता है कई बार तो कॉल ही रिसीव नहीं किया जाता तो कई बार शिकायत सुनने के बाद भी इस ओर संज्ञान तक नहीं लिया जाता.हालही में एक और वीडिओ वायरल हुआ है जिसमे सिहावा रोड पर बड़ी संख्या में हाइवा वाहन रेत भरने खदाने जा रही थी.वाहनों की संख्या इतनी ज्यादा थी कि काफी देर तक सड़क पर वाहनों की लम्बी कतार लग गई थी.कतारबद्ध होकर चलने वाली हाइवा वाहनों से हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है पूर्व में भी कई लोगो की जान रेत वाहनों ने ली है.लेकिन शायद रेत माफियाओ, जिम्मेदार अधिकारियो और भूपेश सरकार की नजर में लोगो की जान से ज्यादा रेत का अवैध परिवहन कीमती है.रामू रोहरा ने आगे कहा कि रेत वाहनों के आवागमन से सड़के पूरी तरह ख़राब हो चुकी है और इसके विरोध के दौरान पीडब्लूडी द्वारा कुछ मार्गो पर बड़ी वाहनों के आवागमन पर रोक लगाने बैरिकेट्स लगाने की बात कही गई थी लेकिन इसका भी पालन नहीं किया जा रहा है.जनता भूपेश सरकार के संरक्षण में हो रहे इस गोरख धंधे को देख रही है.बार बार आंदोलन, धरना, विरोध प्रदर्शन, चक्काजाम के बाद भी सरकार और उनके अधिकारी मनमर्जी कर रही है.जनता त्रस्त हो चुकी है. अब जनता को भूपेश सरकार से कोई उम्मींद भी नहीं रह गया है.