संजय
छाजेड।
धमतरी। जिले में आज विश्व मासिकधर्म स्वच्छता दिवस के रूप में मनाया गया। इस मौके पर सभी महिलाओं एवं बालिकाओं को उनके मासिकधर्म के कारण होने वाली चुनौतियों, मासिक धर्म से जुड़ीं भ्रांतियों, समस्याओं तथा इनके निराकरण के लिए समाधानों पर चर्चा की गई। इसके अलावा मासिकधर्म स्वच्छता प्रबंधन के विषय में जागरूकता बढ़ाने स्वसहायता समूह, ग्राम संगठन एवं संकुल स्तरीय संगठन में मास्टर ट्रेनर्स, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा मितानिन एवं पोषण सखी के माध्यम से विभिन्न गतिविधियां आयोजित की गईं।
इस दौरान मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन में आयुष
की उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए बताया गया कि नित्य योग तथा प्राणायाम का अभ्यास,
मासिक धर्म के दौरान होने वाली तकलीफों को दूर करने में भुजंगासन, गोमुखासन, मार्जारी
आसन एवं मत्येन्द्रासन लाभाकारी है। इसके साथ ही अनियमित मासिक धर्म को दूर करने के
लिए खानपान संतुलित एवं पौष्टिक होना जरूरी है। मौसमी फल, सलाद एवं हल्का भोजन मासिक
धर्म चूक को नियमिति करने में लाभकारी होता है। ओलिगो मेनोरिया (मासिक चक्र में रक्त
कम आना) में पपीता एवं चुकंदर लाभकारी है, मेनोरेजिया (मासिक धर्म ज्यादा आना) में
दूब का स्वरस 1 चम्मच एक सप्ताह तक लेने से फायदा मिलता है। मनोपॉज (रजोनिवृत्ति के
दौरान महिलाओं में चिड़चिड़ापन तथा दर्द की अधिकता होती है, इसके लिए योगनिद्रा और
ध्यान का नियमिति अभ्यास किया जाए), स्त्री स्वच्छता उत्पाद-सेनेटरी पैड का प्रयोग
विभिन्न रोगों से बचाने में मदद करता है। कार्यक्रम के अंत में बताया गया कि मासिक
धर्म स्वच्छता दिवस एक बढ़ते आंदोलन को श्रव्य और दृश्यमान बनाता है, जो शरीर की साक्षरता
के साथ-साथ लैंगिक समानता को बढ़ावा देता है।