संजय
छाजेड़।
धमतरी। जिले में महिलाओं को उनके अधिकारों से रू-ब-रू कराने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं अभियान के तहत् नारी चौपाल का आयोजन स्थानीय लाईवलीहुड कॉलेज में किया गया। कार्यक्रम में महिला संरक्षण अधिकारी अनामिका शर्मा ने योजना के उद्देश्य, आवश्यकता, क्रियान्वयन, एजेंसी विभागीय अभिसरण के माध्यम से योजना के क्रियान्वयन और कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीडन अधिनियम की जानकारी दी। इस दौरान डॉ. सरला द्विवेदी ने महिला एवं पुरूष के लिंग, गृहणी महिलाओं, सामाजिकरण, संस्कृति में अंतर, शिक्षा, मानसिकता में परिवर्तन पर मनोवैज्ञानिक प्रभाव के आधार पर विस्तृत प्रकाश डाला।
कार्यक्रम
में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. तोमेश श्रीमाली द्वारा पीसीपीएनडीटी धारा 1994 के विषय
में जानकारी दी गयी। उन्होंने गर्भपात के बारे में महिलाओं के अधिकार पर तकनीकी जानकारियों
को साझा किया। उन्होंने बताया कि गर्भपात महिला का अधिकार है, धारा में लिंग चयन का
अधिकार नहीं होता है, यह प्रतिशेष है। गर्भधारण के पूर्व भी लिंग चयन किया जाता है,
इसे भी प्रतिशेष किया गया है। सोनोग्राफ्री के माध्यम से तकनीकी विषय पर चर्चा करते
हुए उन्होंने बताया कि इसमें दण्ड का प्रावधान है। दोषी को 3 से 10 वर्ष का कारवास
और 50 हजार रूपये का जुर्माना प्रावधान है। वहीं न्यायाधीश सुश्री प्रज्ञा अग्रवाल
ने बेटीयों को दिये गये कानूनी अधिकारों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वर्ष
2005 के बाद हिन्दू विधि में संशोधन हुआ कि पुत्री को सम्पत्ति का अधिकार दिया गया
है। इसके साथ ही संविधान में महिलाओं के शिक्षा के अधिकार, स्त्रि धन के विषय में कानूनी
अधिकारों सहित अन्य महत्वपूर्ण अधिकारों के बारे में भी जानकारी दी। वहीं जिला बाल
संरक्षण अधिकारी श्री आनंद पाठक ने पॉक्सो एक्ट बच्चों के लैंगिक अपराध, परिभाषा, दण्ड,
जुर्माना के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी।
कार्यक्रम के अंत में प्रतिभागियों को प्रश्नपत्र दिया गया, जिसमें उनके द्वारा
फीडबैक भी दिया गया। इस अवसर पर जिला कार्यक्रम
अधिकारी महिला एवं बाल विकास श्रीमती जगरानी एक्का, सहित परियोजना अधिकारी एकीकृत बाल
विकास परियोजना धमतरी, नगरी एवं विभागीय अधिकारी, कर्मचारी उपस्थित रहे।