लोकसभा के सचेतक सांसद संतोष पांडे को कृष्णा चंपालाल हिरवानी प्रदेश अध्यक्ष सहकारिता प्रकोष्ठ छत्तीसगढ़ धीवर समाज महासभा ने दिया धन्यवाद

धमतरिहा के गोठ
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संजय छाजेड़ 

कृष्णा चंपालाल हिरवानी प्रदेश अध्यक्ष सहकारिता प्रकोष्ठ छत्तीसगढ़ धीवर समाज महासभा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य मछुआरा प्रकोष्ठ भाजपा छत्तीसगढ़ ने देश की सभी मछुआरों एवं छत्तीसगढ़ के मछुआरों के तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी एवं केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण को पूरे देश एवं छत्तीसगढ़ के परंपरागत मछुआरों के तरफ से प्रधानमंत्री मोदी जी के प्रतिनिधि राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र के यशस्वी सांसद संतोष पांडे को धन्यवाद एवं आभार प्रकट किया इस सत्र 2024 25 के आम बजट में प्रधानमंत्री मोदी जी एवं श्रीमती निर्मला सीतारमण के अथक प्रयास से देश के गरीब मच्छरों के लिए इस बजट में पूरा भंडार खोल दिया है ताकि देश के समस्त मछुआरे अपना जीवन यापन के साथ अपने परिवार के समस्त सदस्यों का आर्थिक शैक्षणिक उद्धार कर सके और इस बजट के माध्यम से मछली पालन कर देश का नाम पूरे विश्व में स्थापित कर सके कृष्णा चंपालाल हिरवानी ने विस्तार पूर्वक बताया कि बजट 2024- 25 में मछुआरों के लिए क्या-क्या दिया है


मत्स्य विभाग ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 2584.50 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की है


बजटीय आवंटन चालू वित्तीय वर्ष की तुलना में 15% अधिक है


पीएमएमएसवाई को जलीय कृषि उत्पादकता बढ़ाने, निर्यात को दोगुना कर 1 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाने और 55 लाख रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए आगे बढ़ाया जा रहा है


जलवायु अनुकूल गतिविधियों को बढ़ावा देने, पुनर्स्थापन और अनुकूलन उपायों तथा एकीकृत और बहु-क्षेत्रीय दृष्टिकोण के साथ तटीय जलीय कृषि और समुद्री कृषि के विकास पर ध्यान केंद्रित करने के लिए ब्लू इकोनॉमी 2.0 का शुभारंभ किया जाएगा


पांच एकीकृत एक्वापार्क स्थापित किए जाएंगे


मत्स्य पालन विभाग को वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 2584.50 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है, जो मत्स्य पालन विभाग को अब तक का सबसे अधिक वार्षिक आवंटन है। बजटीय आवंटन चालू वित्तीय वर्ष की तुलना में 15% अधिक है। आवंटित बजट विभाग के लिए अब तक का सबसे अधिक वार्षिक बजटीय समर्थन है

प्रथम पंचवर्षीय योजना से 2013-14 तक मत्स्य पालन क्षेत्र पर व्यय केवल 3680.93 करोड़ रुपये था, जबकि 2014-15 से 2023-24 तक देश में विभिन्न मत्स्य पालन विकास गतिविधियों के लिए 6378 करोड़ रुपये की राशि पहले ही जारी की जा चुकी है। पिछले नौ वर्षों में इस क्षेत्र में लक्षित निवेश 38572 करोड़ रुपये से अधिक है, जो इस उभरते क्षेत्र में अब तक का सबसे अधिक निवेश है

वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने इस क्षेत्र में विकास पर प्रकाश डाला अंतरिम बजट में अर्थव्यवस्था को औपचारिक बनाने के लिए डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे की स्थापना पर भी जोर दिया गया है। केंद्रीय वित्त मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि मछुआरों की सहायता के महत्व को समझने के लिए एक अलग मत्स्य विभाग की स्थापना की गई थी, जिसके परिणामस्वरूप अंतर्देशीय और जलीय कृषि उत्पादन दोनों में दोगुना वृद्धि हुई है, 2013-14 से समुद्री खाद्य निर्यात में भी दोगुना वृद्धि हुई है प्रमुख योजना, प्रधानमंत्री मस्त्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) को मौजूदा 3 टन/हेक्टेयर से 5 टन/हेक्टेयर तक जलीय कृषि उत्पादकता बढ़ाने, निर्यात को दोगुना करके 1 लाख करोड़ रुपये करने और 55 लाख रोजगार के अवसर पैदा करने के साथ-साथ 5 एकीकृत एक्वापार्क स्थापित करने के बड़े बुनियादी ढांचे में बदलाव करने के लिए आगे बढ़ाया जा रहा है। इसके अलावा, जलवायु अनुकूल गतिविधियों, बहाली और अनुकूलन उपायों को बढ़ावा देने और एकीकृत और बहु-क्षेत्रीय दृष्टिकोण के साथ तटीय जलीय कृषि और समुद्री कृषि के विकास पर ध्यान केंद्रित करने के लिए ब्लू इकोनॉमी 2.0 शुरू की जाएगी

मत्स्य पालन क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है यह राष्ट्रीय आय, निर्यात, खाद्य और पोषण सुरक्षा के साथ-साथ रोजगार सृजन में भी योगदान देता है मत्स्य पालन क्षेत्र को 'सूर्योदय क्षेत्र' के रूप में मान्यता प्राप्त है और यह भारत में लगभग 30 मिलियन लोगों की आजीविका को बनाए रखने में सहायक है, विशेष रूप से हाशिए पर पड़े और कमजोर समुदायों के लोगों की

वित्त वर्ष 2022-23 में 175.45 लाख टन के रिकॉर्ड मछली उत्पादन के साथ, भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक देश है, जो वैश्विक उत्पादन का 8% हिस्सा है और देश के सकल मूल्य वर्धित (GVA) में लगभग 1.09% और कृषि GVA में 6.724% से अधिक का योगदान देता है इस क्षेत्र में विकास की अपार संभावनाएं हैं, इसलिए टिकाऊ, जिम्मेदार, समावेशी और न्यायसंगत विकास के लिए नीति और वित्तीय सहायता के माध्यम से इस पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है

5 फरवरी 2019 को पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन विभाग से मत्स्य पालन विभाग को अलग करके मत्स्य पालन क्षेत्र को आवश्यक बढ़ावा दिया गया और इसे प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई), मत्स्य पालन अवसंरचना विकास निधि (एफआईडीएफ) और किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) जैसी व्यापक योजनाओं और कार्यक्रमों से सुसज्जित किया गया है, विभाग अब अमृत काल के दौरान नई ऊंचाइयों को प्राप्त करने के लिए तैयार है

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