संजय
छाजेड़।
धमतरी। छत्तीसगढ की पिछली कांग्रेस सरकार में छत्तीसगढ की परंपरा और त्योहारों को विशेष महत्व दिया गया था। जिसमें छत्तीसगढ की संस्कृति और रीतिरिवाजों को बडे स्तर पर प्रोत्साहित और प्रचारित करने का काम किया गया। इस सरकार ने 1 मई श्रमिक दिवस को बोरे बासी दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया था और धूमधाम से मनाया था। जिसमें छत्तीसगढ में गर्मियों के दिनों में खाया जाने वाला बोरे और बासी के महत्व और इससे मिलने वाले पोषण के बारे में काफी चर्चा हुई। छत्तीसगढ कांग्रेस द्वारा शुरू की गई परम्परा को आगे बढाते हुए पूर्व प्रदेश सचिव आनंद पवार ने बोरे बासी खाकर 1 मई को बोरेबासी दिवस मनाया। उन्होंने कहा कि बोरेबासी हम छत्तीसगढ वासियों के लिए एक महत्वपूर्ण आहार है। उन्होंने बताया की गाँव मे अपना सुबह का काम करने के बाद दोपहर में जब किसान घर लौटते है तो यही उनका मुख्य भोजन होता है। इसके साथ पताल चटनी, छत्तीसगढ में पाई जाने वाली भाजियां और अन्य छत्तीसगढी व्यंजन खाएं जाते है, यहाँ तक दिन भर धूप में खेलकर आने वाले बच्चों को भी माताएं यही खाने को देती है। गर्मी और लू से बचने के लिए भी यह व्यंजन बहुत सहायक है। उन्होंने सभी छत्तीसगढवासियों से अपील की है हमारे श्रमिकों के सम्मान में सभी बोरेबासी खाकर इस दिन को मनाएं और अपने छत्तीसगढी होने पर गर्व करें।