संजय छाजेड़।
धमतरी। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान योजना के तहत जिले की महिलायें स्व सहायता समूह से जुडकर आत्मनिर्भर बन रहीं हैं। वे अब घर के खर्च उठाने के लिये किसी की मोहताज नहीं हैं। विकसित भारत संकल्प यात्रा के तहत आयोजित संकल्प शिविरों में पहुंचकर महिलायें अपनी आत्म निर्भरत की कहानी सुना रहीं हैं।
वनांचल नगरी के कांटाकुर्रीडीह
की लैलुन साहू बतातीं हैं कि वे राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान योजना के तहत
वर्ष 2016 में समूह से जुडकर एक लाख का ऋण लीं। इससे वे किराना दुकान संचालित कर रहीं
हैं, जिससे प्रतिमाह उन्हें दो हजार रूपये का आय होता है। लैलुन बतातीं हैं कि दुकानदारी
के साथ.साथ वे कृषि मित्र का कार्य भी कर रहीं हैं, जिसके तहत समूह की महिलाओं और किसानों
को कृषि के नये.नये तकनीक की जानकारी देतीं हैं। वहीं कांटाकुर्रीडीह की ही ममता बतातीं
हैं कि वे वर्ष 2016 से बिहान योजना के तहत समूह से जुडीं और घर में जरूरत पडने पर
समूह से ऋण लेकर आर्थिक सहयोग प्रदाय करतीं हैं।
ग्राम कुकरेल
की नविता साहू बतातीं हैं कि वे राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान योजना से वर्ष
2017 में ज़ुडीं। उन्होंने समूह से ऋण लेकर अपने बेरोजगार पति की मदद करते हुए उनके
लिये आटो सेन्टर खोलीं, जिससे उन्हें हर माह 3 हजार रूपये का आय होता है। नविता बताती
हैं कि वे बैंक मित्र का कार्य भी कर रहीं हैं। इसके तहत बैंक में गांव से आने वाले
स्व सहायता समूह के सदस्यों को बैंक के कार्य में सहयोग करतीं हैं, बैंक लेन.देन में
सहयोग करतीं हैं और बैंक के दस्तावेज भरने में समूह की महिलाओं की मदद करतीं हैं। इसी
तरह कुकरेल की युवरानी सिन्हा बतातीं हैं कि वे समूह से जुडकर सिलाई मशीन खरीदीं और
कपडों की सिलाई कर प्रतिमाह डेढ हजार रूपये की आमदनी प्राप्त कर रहीं हैं।