एलइडी स्ट्रीट लाइट लगाने हेतु प्रचलित बाजार दर में 14 लाख के होने वाले कार्य को 39 लाख रुपए में दिया गया है ठेका

धमतरिहा के गोठ
0

 

संजय छाजेड़।

धमतरी। नगर निगम द्वारा एलइडी स्ट्रीट लाइट 40 वॉट एवं 60 वाट का खरीदी महालक्ष्मी मार्केटिंग जगदलपुर की फ र्म द्वारा किए जाने में भ्रष्टाचार का आरोप लग रहे हैं, क्योंकि वास्तविक में उक्त सामग्रियों का बाजार मूल्य 40 वाट का 1270 रुपया जीएसटी लगाकर तथा 45 वाट का लगभग 1400 रुपया बताया जा रहा है जिस कंपनी का सप्लाई होना कहां गया है वैसे ही कंपनी ब्राइट सोलर टेक्नोलॉजी नोएडा द्वारा उसका वास्तविक मूल्य प्रदान किया गया है जिसकी तथ्यात्मक एवं प्रमाणित जानकारी खुले बाजार में ली जा सकती है।

      गौरतलब है कि 39 लाख 1670 रुपया में उक्त कार्य के लिए स्वीकृत राशि में से सामग्रियों का डर 45 वाँट लाइट का प्रतिनग 2729 रूपए, संख्या 725 नग कुल राशि 19 लाख 78 हजार 525 रूपए एवं 60 वाट के स्ट्रीट लाइट का प्रतिनग 3622 रूपए निर्धारित कर 140 नग कुल राशि 5 लाख 7हजार 80 रूपये में सप्लाई किए जाने का ठेका दिया गया था तथा फिटिंग चार्ज एवं उसमें लगने वाली अन्य सामग्रियों की लागत 15 लाख 26 हजार 395 रुपये निर्धारित किया गया था जबकि वास्तव में उक्त कार्य को बाजार दर पर संपन्न किए जाने पर लगभग 14 लाख रुपया लागत बताया जा रहा है इस प्रकार नगर निगम ने भारी भरकम आर्थिक अनियमितता करते हुए एक नया कारनामा धमतरी शहर के लिए पेश किया है जिसकी निष्पक्ष जांच की मांग निरंतर नगर निगम में विपक्ष के पार्षद गण नेता प्रतिपक्ष नरेंद्र रोहरा के नेतृत्व में कर रहे हैं।

बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने में बेईमानी और भ्रष्टाचार निंदनीय-राजेंद्र शर्मा

    नगर निगम के पूर्व सभापति तथा वर्तमान पार्षद राजेंद्र शर्मा ने कहा है कि नगरीय निकाय का जनता के प्रति नैतिक कर्तव्य है कि बुनियादी सुविधाओं में ईमानदारी व पारदर्शिता बढ़ाते हुए आम जनता को मूलभूत सुविधाओं उपलब्ध करावे लेकिन नगर निगम एवं जिम्मेदार लोग अपने इस नैतिक कत्र्तव्य व महत्वपूर्ण जिम्मेदारी का निर्वाह न करते हुए निजी स्वार्थ की पूर्ति हेतु बेईमानी व भ्रष्टाचार को अंजाम देते हैं जो निंदनीय है इससे पूर्व भी हार्पिक जैसे दैनिक उपभोग की अनन्य सामग्रियों की खरीदी में बाजार दर से अधिक मूल्य पर खरीद जाना जांच में पाया गया उसके बाद कचरा घोटाला फिर शहर की प्रकाश व्यवस्था के साथ जन भावनाओं से खिलवाड़ निगम की संपूर्ण कार्य प्रणाली पर प्रश्न चिन्ह उठता है जो सहन करने योग्य न होकर बर्दाश्त से बाहर है।

एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें (0)